VARANASI NEWS : पिशाचमोचन के तीर्थ पुरोहित हत्या का चश्मदीद गवाह को झूठे आरोप में फंसाने की साजिश, 25 लाख के लालच में कैसे साजिश में शामिल हुई अर्चना

 

VARANASI NEWS : पिशाचमोचन के तीर्थ पुरोहित हत्या का चश्मदीद गवाह को झूठे आरोप में फंसाने की साजिश, 25 लाख के लालच में कैसे साजिश में शामिल हुई अर्चना


Varanasi News : पिशाचमोचन के तीर्थ पुरोहित केके उपाध्याय व उनकी पत्नी ममता की हत्या के आरोप में जिला जेल में बंद उनके छोटे भाई राजेंद्र उपाध्याय और उन्नाव के परियर चकलवंशी निवासी अधिवक्ता पंकज का कनेक्शन पुलिस खंगाल रही है ।

राजेंद्र के कहने पर ही पंकज ने तीर्थ पुरोहित दंपती की हत्या के चश्मदीद गवाह उनके बेटे सुमित को दुष्कर्म के झूठे मुकदमे में फंसाने के लिए उन्नाव के गंगाघाट थाना के शक्तिनगर शुक्लागंज की मूल निवासी और कानपुर नगर के बर्रा थाना के गोमती नगर में रहने वाली रजन दुलारी गुप्ता उर्फ अर्चना को बनारस भेजा था ।

प्रकरण को लेकर अर्चना की ही तहरीर के आधार पर राजेंद्र उपाध्याय, उसकी पत्नी, पंकज सहित पांच नामजद और अन्य अज्ञात के खिलाफ चेतगंज थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है ।

पुलिस अर्चना के मोबाइल की कॉल डिटेल खंगाल कर पंकज तक पहुंचने के साथ ही साजिश में शामिल अन्य लोगों को बेनकाब करने में जुटी हुई है । 21 सितंबर 2019 की सुबह सरायगोवर्धन में केके उपाध्याय और उनकी पत्नी की गोली मार कर हत्या कर दी गई थी ।

इसके साथ ही उनके बेटे सुमित उर्फ पवन की हत्या का प्रयास किया गया था । वारदात से संबंधित मुकदमे का वादी और चश्मदीद गवाह भी सुमित ही है । साजिश रचने वालों का उद्देश्य यही था ।

सुमित दुष्कर्म के मुकदमे में फंसते ही जेल चला जाएगा और अपने मां-बाप की हत्या के मुकदमे की पैरवी नहीं कर पाएगा । इसका फायदा जेल में बंद उसके मां-बाप के हत्यारोपियों को मिलता ।

इस संबंध में एसएसपी अमित पाठक ने बताया कि यह खंगाला जा रहा है कि जेल में बंद राजेंद्र और पंकज किसकी मदद से एक-दूसरे के संपर्क में आकर तीर्थ पुरोहित के बेटे को झूठे मुकदमे में फंसाने की साजिश रचे ।

25 लाख के लालच में कैसे साजिश में शामिल हुई अर्चना

अर्चना के अनुसार, उसके पिता बीएसएनएल के कर्मचारी थे । उनकी मौत होने पर वह उन्नाव में मुकदमा की थी। मुकदमे की पैरवी के दौरान ही उसकी अधिवक्ता पंकज से मुलाकात हुई ।

पंकज ने ही उसे कहा कि यदि वह बनारस जाकर एक युवक के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दे तो उसे 25 लाख रुपये मिलेंगे । इसके बाद पंकज ने उसे सुमित का मोबाइल नंबर दिया तो वह उससे बीती जुलाई महीने से जबरदस्ती चैटिंग करने लगी ।

हालांकि सुमित उससे बात करने से लगातार मना करता रहा । इसके बाद पंकज ही उसे बनारस छोड़ कर गया था । बाद में उसे लगा कि उसका गलत इस्तेमाल किया जा रहा है तो वह पुलिस को सारी सच्चाई बता दी ।

तो क्या जेल में मोबाइल इस्तेमाल कर रहा है राजेंद्र

इस साजिश का पर्दाफाश होने के बाद सवाल यह भी उठ रहा है कि क्या जिला जेल में राजेंद्र उपाध्याय मोबाइल का इस्तेमाल करता है । कारण कि बीते अगस्त महीने में जिला जेल से 18 मोबाइल बरामद किए गए थे ।

पुलिस राजेंद्र से जेल में मुलाकात करने वालों का ब्योरा भी जुटा रही है । मुलाकात करने वाले लोग अन्य किसके संपर्क में थे, इसका भी ब्योरा खंगाला जा रहा है ।

पुलिस अब जल्द ही जेल में बंद राजेंद्र, उसकी पत्नी पूजा, रामविचार उपाध्याय और रमेश उपाध्याय को कस्टडी रिमांड पर लेकर इस प्रकरण के संबंध में पूछताछ करेगी ।

दो आधार कार्ड और चैटिंग से पकड़ा गया झूठ

चेतगंज इंस्पेक्टर प्रवीण कुमार के अनुसार, अर्चना दुष्कर्म की शिकायत लेकर थाने आई तो बातचीत में ही उसके पास से दो आधार कार्ड बरामद हुए । यह उस पर शंका करने का पहला कारण बना ।

इसके बाद वह घटना और घटनास्थल को लेकर बार-बार बयान बदलने लगी । फिर उसकी और सुमित के बीच की चैटिंग देखी गई तो समझ में आया कि वह जबरदस्ती बातचीत करती थी ।

पुलिस की घंटों की पूछताछ में परत दर परत मामला सुलझता चला गया और अर्चना सच बताने को मजबूर हो गई । इसके साथ ही उसने खुद सभी आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने की बात कही ।

बनारस के भी कुछ लोगों ने की अर्चना और पंकज की मदद

पुलिस की शुरुआती तफ्तीश में यह भी सामने आया है कि शहर के कुछ लोगों ने भी पंकज और अर्चना की मदद की थी । उन लोगों के बदमाशों से भी संबंध बताए जा रहे हैं । पुलिस इन सभी लोगों को चिन्हित कर उनकी गिरफ्तारी के प्रयास में जुटी हुई है ।

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