GST NEW GUIDELINES :- त्रुटि होने पर सही आंकड़ों को अपने जीएसटीआर-थ्रीबी में भर कर अपलोड कर सकता है, जिससे व्यापारी को जीएसटी भविष्य में विभाग से नोटिस न जारी हो सकें

 

GST NEW GUIDELINES :- त्रुटि होने पर सही आंकड़ों को अपने जीएसटीआर-थ्रीबी में भर कर अपलोड कर सकता है, जिससे व्यापारी को जीएसटी भविष्य में विभाग से नोटिस न जारी हो सकें


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New Delhi,India| शनिवार को कॉन्फेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जीएसटी रिटर्न पर चर्चा की। प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र गोयल व राष्ट्रीय सचिव पंकज अरोरा ने बताया कि सभी जीएसटी में पंजीकृत व्यापारियों को प्रत्येक माह अपना जीएसटीआर-थ्रीबी भरना होता है।

जिसमें कुल खरीद एवं बिक्री के साथ ही इनपुट एवं आउटपुट टैक्स को बताना होता है। जिसके आधार पर व्यापारी पर संगत माह के कर की गणना होती है। अभी तक व्यापारी अपनी खाता बही को देख कर विक्रय की रकम एवं टैक्स भरता था और बिक्री का विवरण जीएसटीआर-वन में प्रत्येक माह की 11 तारीख तक देता था।

लेकिन अब ऐसे व्यापारी जो मासिक आधार पर जीएसटीआर-वन भरते हैं उनके जीएसटीआर-थ्रीबी में संगत माह की बिक्री के आंकड़े पीडीएफ के रूप में उपलब्ध होंगे। पूर्वांचल प्रभारी अखिलेश मिश्रा ने कहाकि जब जीएसटीआर-1 को अपलोड किया जाता है तो पोर्टल पर उपलब्ध टेंपलेट में सभी आंकड़ें दिखने लगते हैं।

ज्यादातर व्यापारी उन आंकड़ों का अपनी बही से मिलान करके ही जीएसटीआर-रिटर्न को फाइल करता है। ऐसे में अब अगर पोर्टल त्रुटि करता है तो विभाग का काम है कि अपने पोर्टल को सुधारे न कि व्यापारी पर जिम्मेदारी थोपे। जीएसटी पोर्टल पर अब बिक्री का ब्योरा भी पीडीएफ में उपलब्ध होगा, जिसे रिटर्न भरने से पहले मिलान करना होगा।

त्रुटि होने पर सही आंकड़ों को अपने जीएसटीआर-थ्रीबी में भर कर अपलोड कर सकता है। व्यापारियों के अनुसार ऐसा करने का मुख्य कारण पोर्टल और वास्तविक आंकड़ों के अंतर यानी मिसमैच को समाप्त करना है। जिससे व्यापारी को भविष्य में विभाग से नोटिस न जारी हो सकें।

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