राज्यपाल से भी मिली अनुमति, मंडुआडीह स्टेशन का बनारस करने अनुमति, रेलमंत्री ने ट्वीट कर दी जानकारी
राज्यपाल से भी मिली अनुमति, मंडुआडीह स्टेशन का बनारस करने अनुमति, रेलमंत्री ने ट्वीट कर दी जानकारी

VARANASI| उत्तर प्रदेश के राज्यपाल द्वारा, केंद्र सरकार के अनापत्ति पत्र के आधार पर, मंडुआडीह स्टेशन का नाम परिवर्तित कर बनारस रखने की अनुमति दे दी गयी है। यह जानकारी रेल मंत्री पियूष गोयल ने ट्वीट कर दी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र में स्थित मंडुआडीह रेलवे स्टेशन अब बनारस स्टेशन के नाम से जाना जाएगा। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने नाम बदलने की अनुमति दे दी है। केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल ने ट्वीट कर इस संबंध में जानकारी दी।
रेलमंत्री पियूष गोयल ने लिखा, 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के मंडुआडीह स्टेशन को अब पूरे देश में लोकप्रिय व प्रसिद्ध नाम बनारस से जाना जाएगा। उत्तर प्रदेश के महामहिम राज्यपाल द्वारा, केंद्र सरकार के अनापति पत्र के आधार पर इस स्टेशन का नाम परिवर्तित कर बनारस रखने की अनुमति दी गई।'
केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा 17 अगस्त को मंडुआडीह रेलवे स्टेशन का नाम बदलने के लिए मंजूरी दे दी थी। गृह मंत्रालय के अधिकारी ने बताया था कि मंडुआडीह रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर बनारस करने के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी किया गया है।
इससे पहले भी योगी सरकार ने मुगलसराय रेलवे स्टेशन का नाम भी बदलकर पंडित दीन दयाल उपाध्याय स्टेशन किया है। वहीं इलाहाबाद रेलवे स्टेशन को प्रयागराज कर दिया गया है।
बता दें कि किसी भी रेलवे स्टेशन का नाम बदलने के प्रस्ताव को रेल मंत्रालय, डाक विभाग और सर्वे ऑफ इंडिया से अनापत्ति प्रमाण पत्र लेने के बाद ही मंजूरी दी जाती है। किसी गांव या शहर या नगर का नाम बदलने के लिए शासकीय आदेश की जरूरत होती है। किसी राज्य के नाम में बदलाव के लिए संसद में साधारण बहुमत से संविधान में संशोधन की जरूरत होती है।
No comments