VARANASI NEWS :- पंडित दीनदयाल उपाध्‍याय के सपनों को साकार कर रही मोदी सरकार : सुनील ओझा

 

VARANASI NEWS :- पंडित दीनदयाल उपाध्‍याय के सपनों को साकार कर रही मोदी सरकार : सुनील ओझा

VARANASI|  भारतीय जनता पार्टी ने शुक्रवार को पंडित दीनदयाल उपाध्याय की 104वीं जन्म जयंती पर विविध आयोजन आयोजित कर न सिर्फ उन्हें याद किया अपितु उनके विचारों का अनुश्रवण करते हुए उनके बताए मांर्गो पर चलने का संकल्प भी लिया गया। कार्यक्रम की शुरुआत में वाराणसी महानगर एवं जिला अध्यक्ष विद्या सागर राय, हंसराज विश्वकर्मा एवं चंदौली जिला अध्यक्ष अभिमन्यु सिंह ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।

इस अवसर पर पड़ाव स्थित पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्मृति स्थल पर पूर्वान्ह से विभिन्न कार्यक्रम का आयोजन किया गया। स्मृति स्थल पर उनकी 104वीं जन्म जयंती पर 104 भाजपा कार्यकर्ताओं ने 104 पौधरोपण किया वहीं स्मृति स्थल पर उनकी 60 फुट ऊंची प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की।

कार्यक्रम के मुख्य वक्ता प्रदेश सह प्रभारी सुनील ओझा ने पं दीनदयाल की एकात्म मानववाद पर   प्रकाश डालते हुए कहा कि पं दीनदयाल जी सादगी की प्रतिमूर्ति एवं प्रामाणिकता की पराकाष्ठा थें। कुशल संगठनकर्ता एवं फिलोस्फर थें। उनकी लेखनी उच्चकोटि की थी। उनके आर्टिकल और भाषण, राष्ट्रवाद से ओत प्रोत थें। पं दीनदयाल का मानना था कि हिंदुस्तान की आजादी के बाद पश्चिमी संस्कृति एवं सभ्यता का अनुसरण करना ना ही भारत की जीवन शैली के लिए ठीक है और ना ही भारतीय राजनीति के लिए ठीक है।

मुख्य वक्ता प्रदेश सह प्रभारी सुनील ओझा ने कहा कि पूंजीवाद और साम्यवाद के बीच कोई तीसरी विचार धारा हो सकती है ये कोई मानने के लिए तैयार नही था। पं दीनदयाल का मानना था कि भारत की दृष्टि से पूंजीवाद और साम्यवाद दोनों ही ठीक नही है। उनका मानना था कि संस्कृति भी भारतीय चलेगी और अर्थनीति भी भारतीय चलेगी। इसलिए पं दीनदयाल जी ने एकात्म मानववाद के बाद पुरा अर्थशास्त्र दे दिया,और ये अर्थशास्त्र समाज के अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति को खडा करने के लिए था। समाज के पिछडे, शोषित, पीडित व्यक्ति जिसके पास खाने के लिए रोटी नही है, रहने के लिए घर नही है, पहनने के लिए कपडे नही है। एक वाक्य में कहे तो अंत्योदय, और ये बात पं दीनदयाल जी ने तब कही थी जब भारत की आबादी 42 करोड़ थी।

मुख्य वक्ता प्रदेश सह प्रभारी सुनील ओझा ने कहा कि जिस अर्थनीति के बारे में दीनदयाल 1965 में कहा था उसका 2014 से 2020 के बीच यथार्थ पालन हो रहा है। पं दीनदयाल जी बचत से आने वाली पूंजी को ही पूंजी मानते थे उनका मानना था कि कृषि पर दबाव कम करने के लिए उद्योग लगाने चाहिए और उत्पाद ऐसा होना चाहिए कि उसका निर्यात किया जा सके। किसानों को स्वतंत्रता होनी चाहिए, मध्यस्थो को हटाया जाना चाहिए ताकि किसानो को मुनाफा हो, उस समय पं दीनदयाल जी द्वारा कही हुई बातों को वर्तमान मोदी सरकार पुरा करने के लिए प्रतिबद्ध है।

कार्यक्रम में प्रदेश सरकार के राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ नीलकंठ तिवारी, राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रविन्द्र जायसवाल, विधायक गण डॉ अवधेश सिंह,सौरभ श्रीवास्तव,सुरेंद्र नारायण सिंह, श्रीमती साधना सिंह,सुशील सिंह,अशोक धवन, शारदा प्रसाद, मनीष कपूर, मीना चौबे, दयाशंकर मिश्र "दयालु", अनिल सिंह, धर्मेंद्र सिंह, रामप्रकाश दुबे, नवरतन राठी, शिवशंकर पटेल, आलोक श्रीवास्तव, जगदीश त्रिपाठी, उमाशंकर सिंह, अशोक पटेल, सुरेश सिंह, संतोष सोलापुरकर, प्रभात सिंह, प्रवीण सिंह गौतम, अभिषेक मिश्रा, साधना वेदांती, डा रचना अग्रवाल, सुजीत जायसवाल, मधुकर चित्रांश, श्रीनिकेतन मिश्र, अखिल पोद्दार,सुरेंद्र पटेल, संजय सोनकर, रौनी वर्मा आदि मुख्य रूप से उपस्थित रहें।

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